अग्नि की ऊड़ान – श्री ए.पी.जे अब्दुल कलाम – Wings of Fire
“जब संकट या दुःख आए तो उनका कारण जानने की कोशीश करो। विपत्ती हमेशा आत्मविश्लेषण के अवसर प्रदान करती है।“
कलामजी और उनके बहनोइ जलालुदीन, जो उनसे उम्र में काफी बडे थे वो उनके अच्छे मित्र बने, जब घूमने निकलते थे तो शिवमंदीर की प्रदक्षीणा भी करते थे। धर्मनिरपेक्षता का इससे बडा उदाहरण क्या होगा?
जलालुदीनने ही कलामजी को पढने के लिए प्रोत्साहीत किया।