Children Story on Ganesha – माताश्री, मोदक और गन्नु – Ruchita Chawda

गन्नु (उर्फ – गणेश, Ganesha) – “अरे! माताश्री आपको तो पता ही है पिताश्री का कार्यकाल पूर्ण होते पिताश्री मौन साधना में लीन हो जाते हैं, और मुझे पृथ्वी पर भ्रमण का कार्यभार सौंप जाते हैं। पिताश्री की आज्ञा शिरोधार्य माता श्री।“

मां पार्वती – “हां ये बात तो है , वत्स वैसे भी आजकल धरती पर सभी लोग तनावग्रस्त रहते हैं,लोग आधुनिकता की दौड़ में अपनी संस्कृति भुलते जा रहें हैं। इन दस दिनों में भाव- भक्ति बढ़ने से ‘बहन धरा’ पावन हो उठती है और लोगों के मन भी पवित्र और शुद्ध होने लगते हैं।