Children Story on Ganesha – माताश्री, मोदक और गन्नु – Ruchita Chawda

गन्नु (उर्फ – गणेश, Ganesha) – “अरे! माताश्री आपको तो पता ही है पिताश्री का कार्यकाल पूर्ण होते पिताश्री मौन साधना में लीन हो जाते हैं, और मुझे पृथ्वी पर भ्रमण का कार्यभार सौंप जाते हैं। पिताश्री की आज्ञा शिरोधार्य माता श्री।“

मां पार्वती – “हां ये बात तो है , वत्स वैसे भी आजकल धरती पर सभी लोग तनावग्रस्त रहते हैं,लोग आधुनिकता की दौड़ में अपनी संस्कृति भुलते जा रहें हैं। इन दस दिनों में भाव- भक्ति बढ़ने से ‘बहन धरा’ पावन हो उठती है और लोगों के मन भी पवित्र और शुद्ध होने लगते हैं।

More articles, stories, poems on the way! – कहानीया, हास्यलेख, कविताएं आ रही है।

Friends & Readers Many articles, stories and poems are on the way… so keep reading & keep sharing with others. मित्रो एवं पाठको बहुत सारी कहानियां, कविताएं और अन्य लेख शिघ्र ही ब्लोग पर आने वाले हैं। तो पढते रहीये और ब्लोग को शेर करते रहीये।

एक_अधूरा_खत – लघु कथा – पल्लव_श्रीवास्तव

जून की भरी दोपहरी उपर से सनी महाराज का दिन अपने भौकाली विचारो मे खोया हुआ सोचे जा रहा था ना जाने क्या की तभी भुतकाल के गर्भ से एक हादसा प्रकट होने को था।  तभी अचानक वार्तालाप यन्त्र पे एक सन्देश प्रकट हुआ ओर वो सन्देश हमारे दूर के रिश्तेदार का निकला। सन्देश पढ … Read more