नैना अश्क ना हो! – परमवीर भारतीय सेना
मस्त कडाके की जनवरी की ठंड..और उस पर भी आप अगर दिल्हीमें हो..और सोचो की रात को फ्लाईट पकडनी हो.. ये सोच कर ही रोमांच जाग उठता है ना? पांच जनवरी के दिन हमारे सर्जन ग्रुप की गुजराती माइक्रोफिक्शन रचनाओं की दुसरी पुस्तिका ‘माइक्रोसर्जन-२’ का विमोचन होने जा रहा था। मैं दिल्ही से अहमदाबाद जाने … Read more